कुदृष्टि -नाशक यंत्र
ईर्ष्या और जलन की भावना रखने वाले स्त्री -पुरुष किसी खूबसूरत , हंसते -खेलते बच्चे को ऐसी कुदृष्टि से देखते हैं कि बच्चा तुरंत बीमार पड़ जाता है। बेवजह रोने -चिल्लाने लगता है। यदि ऐसे लोग बेऔलाद हों , तो उनकी कुदृष्टि तेज धारदार हथियार से भी अधिक पैना वार करती है। इसको नजर लगना भी कह सकते हैं। यदि नजर लगे बच्चे का तत्काल उपचार न किया जाए , तो उसके लिए प्राण -संकट उत्पन्न हो जाता है। ऐसी स्थिति में निम्न यंत्र की रचना करके , बच्चे को धारण करा दिया जाए , तो उसका कष्ट दूर हो जाता है।
विशेष :- उपरोक्त यंत्र पहले से किसी शुभ मुहूर्त्त में बनाकर रख लेना सुविधाजनक रहता है। प्रयोग से पूर्व इसे धूप दे देनी चाहिए।
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