खूनी व बादी बवासीर के लिए यन्त्र
जिसको बवासीर हो वह शुक्ल पक्ष की द्वादशी को यह यन्त्र लिखकर धूप , दीप दे अपनी नाभि पर बाँधे और ध्यान रहे कि नाभि से हटकर यन्त्र किसी और जगह न चला जाय और यदि किसी समय ऐसा हो तो तत्काल यन्त्र को नाभि पर लावे और जब तीन दिन बीत जावे तो फिर इतनी सावधानी की आवश्यकता नहीं।
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