प्रेतबाधा से मुक्ति का यंत्र
रविवार के दिन निम्न यंत्र को भोजपत्र पर लिखकर पूर्वोक्त विधि से पूजन करें , फिर इसे तांबे के कवच में भरकर भुजा या गले में बांध दें। साथ ही नियमपूर्वक नित्य 108 बार धूमावती गायत्री मंत्र का जप करके जल को अभिमंत्रित करें और उस जल के छींटे रोगी को दें। यह क्रिया उस समय तक होती रहे , जब तक कि रोगी पूर्णतया स्वस्थ न हो जाए।
धूमावती गायत्री मंत्र निम्न प्रकार से है -
ॐ धूमावत्यै च विद्महे संहारिण्यै च धीमहि , तन्नो धूमा प्रचोदयात् ।
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