उदर पीड़ा निवारक यंत्र
निम्न यंत्र को स्वर्ण पत्र पर लिखें और श्लोक का 1054 दिन तक जप करें। तत्पश्चात यंत्र को शक्कर का भोग लगाएं और रोगी के गले या बाजू में धारण करा दें। इससे पेट के अंदर की व्याधि अतिशीघ्र नष्ट हो जाती है। भोग लगाई शक्कर को किसी वृक्ष के नीचे रखवा दें। श्लोक निम्नलिखित है -
ॐ गतैमाणिक्यत्वं गगन मणिभिस्सांद्र घटितं , किरीटं ते हैंम हिगिरिसुते कीर्तयति यः।
स नीडेयच्छायाच्छुरण शबलं चंद्र शकलं ;धनुः शौनासीरं कीमिति न निबंधातिधिषणाम्।।
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