कर्णपीड़ा निवारण यंत्र
निम्न यंत्र प्रातःकाल में लिखा जाना चाहिए। यंत्र की रचना भोजपत्र पर अष्टगंध की स्याही से की जाती है तथा लेखनी के रूप में अनार की कलम प्रयुक्त होती है। कान में पीड़ा , दर्द , फोड़ा , सूजन , घाव , खुजली तथा बहना आदि उपद्रव होने पर तीनों में से किसी भी एक यंत्र को कोरे कपड़े के कवच में , व्याधि वाले स्थान पर बांधने से समस्त दोषों का शमन हो जाता है। उपरोक्त यंत्र बच्चे बड़े सभी के लिए समान रूप से उपयोगी है।
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