बालरक्षाकारी यंत्र
निम्न यंत्र को अनार की कलम से , अष्टगंधादि स्याही से भोजपत्र पर लिखकर अपने सामने रखें और नीचे दिए गए मंत्र का 108 बार जप करें।
शूलेन पाहि नो देवी , पाहि खड्गेन चाम्बिके।
घण्टा स्वनेन नः पाहि , चापज्यानिः स्वनेन च।।
मंत्र द्वारा सिद्ध करके यंत्र को बच्चे के गले में डाल दें। यंत्र में 'अमुकं ' के स्थान पर रोगी बालक का नाम लिखें। इस यंत्र के प्रभाव से बालक के सर्व प्रकार के कष्ट दूर होते हैं तथा वह हर अला -बला से सुरक्षित रहता है।
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