राज सम्मान प्राप्ति यन्त्र
विधि - इस यन्त्र को अष्टगंध से तुलसी की लकड़ी की कलम से , पीपल के पत्ते पर लिखकर और स्वर्ण के यन्त्र में भर कर दाहिनी भुजा पर बाँधकर राज दरबार , नेताओं तथा बड़े आदमियों के सम्पर्क में जाने से विशेष रूप से मान -सम्मान होगा।
राज सम्मान प्राप्ति यन्त्र
विधि - इस यन्त्र को अष्टगंध से तुलसी की लकड़ी की कलम से , पीपल के पत्ते पर लिखकर और स्वर्ण के यन्त्र में भर कर दाहिनी भुजा पर बाँधकर राज दरबार , नेताओं तथा बड़े आदमियों के सम्पर्क में जाने से विशेष रूप से मान -सम्मान होगा।
बच्चों की नजर (दीठ) दूर करने का यन्त्र
विधि - इस यन्त्र को ताँबे के पत्र पर लिखकर (खुदवाकर ) बालक के गले में बाँधे तो नजर दूर हो।
आधा शीशी दूर करने का यन्त्र
विधि - इस यन्त्र को रविवार के दिन लाल चन्दन से लिखकर मस्तक में बाँधे तो आधा शीशी (अधकपारी ) नष्ट हो।
नजर (दीठ ) रोग दूर होने का यन्त्र
विधि - इस यन्त्र को लाल चन्दन से भोजपत्र पर लिखकर धूप दें फिर ताँबे की ताबीज में मढ़ाकर बालक के गले में बाँधे तो नज़र लगने का दुख दूर हो और नजर न लगे।
विपत्ति विनाशक यन्त्र
भोजपत्र के चार टुकड़े लाकर चारों पर गोरोचन , कुंकुम तथा केशर से उपरोक्त यन्त्र को लिख धूप , दीप से पूजन कर ,मकान के चारों दिशाओं में गाड़ देवे तो समस्त विपत्तियों से छुटकारा मिल जाता है।
राज सम्मान दाता यन्त्र
इस अद्भुत यन्त्र को शुभ वार में कस्तूरी और कपूर से भोजपत्र पर लिखकर दाहिनी भुजा में बाँधे तो राजदरबार में सम्मान प्राप्त होवे। इसके धारण करने के कुछ ही दिन में भाग्य कंचन की भाँति चमकने लगता है।
ज्ञान दाता महा यन्त्र
इस यन्त्र को मालकांगनी के रस से शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को निज रसना पर लिखने से ज्ञान की वृद्धि होती है। इसके प्रभाव से मूढ़ जन भी ग्यानी हो जाता है।
कामिनी मद मर्दन यन्त्र
इस अद्भुत महा यन्त्र को स्वाती नक्षत्र के दिन रात्रि में थूहर के दूध से भोजपत्र पर लिख कर कमर में धारण करें तो काम मद से मस्त नारियों के गर्व को चूर करने में समर्थ होवे। यह अत्यन्त वीर्य स्तम्भन करने वाला है।
कतिपय इस्लामी सन्तान दाता यन्त्र
इस यन्त्र को शुक्रवार के रोज से गेंहूँ की रोटी पर लिख कर के वह रोटी कुत्ते को खिला दें। मालिक चाहेगा तो आपकी मुराद बहुत जल्द पूरी होगी , परन्तु जब तक सन्तान न पैदा हो जाय यह क्रिया बिना नागा रोजाना करते रहें।
भूतादि व्याधि हरण यन्त्र
इस यन्त्र को भोजपत्र पर केशर से लिखकर जिसके गले में डाल दें तो वह प्राणी भूत , प्रेत , चुड़ैल आदि किसी भी आसेब से सुरक्षित रहेगा। इस प्रकार की व्याधियाँ उस पर असर न कर सकेंगी।
रोग निवारक यन्त्र
निम्नांकित यन्त्र को भोजपत्र पर केशर से लिखकर गूगल की धूनी दे रोगी के कण्ठ में बाँध देने से असाध्य रोग भी तुरन्त दूर हो जाते हैं। यह परीक्षित यन्त्र है।
कार्य सिद्धि यन्त्र
सर्व कार्य सिद्धि हेतु यह अद्भुत यन्त्र है। रविवार के दिन हल्दी के रस से इस यन्त्र को कागज पर लिखकर बत्ती बनावे , सायंकाल दीपक में सरसों का तेल डालकर घर में जलावे , इसी तरह सात रविवार करे , तो सभी प्रकार के दुख दूर हों व कार्य सिद्ध हो।
मासिक धर्म चालू होने का यन्त्र
जिस स्त्री को मासिक धर्म ठीक से न होता हो तो इस यन्त्र को भोजपत्र पर लिखकर उसके गले में बाँधे तो रजोधर्म खुलकर होवे।
प्रसूती भय नाशक यन्त्र
दीपमालिका की रात को यह यन्त्र त्रिकोण ठीकरों (त्रिकोण पात्र मिट्टी का ) पर लिखे और प्रसूती स्त्री के सिरहाने रखे तो सर्व भय दूर होवे।
बालक रक्षा यन्त्र
इस यन्त्र को ताँबे के पत्र पर केसर से लिखे , फिर अक्षर खोद कर बालक के गले में बाँधे तो नजर नहीं लगे।
बालक जीवन यन्त्र
इस यन्त्र को शुभ नक्षत्र में गोरोचन से अनार की कलम द्वारा भोजपत्र पर उत्तर मुख हो लिखें , फिर गूगल की धूनी दे कण्ठ में बाँधे , जिस औरत का लड़का न जीता होवे और होता न हो तो होवे।
बालक डरे नहीं यन्त्र
अमावस्या की रात को यन्त्र केशर की स्याही से अनार की कलम द्वारा लिखकर जिस बालक के कंठ में बाँधा जावे तो उसे डर नहीं लगे।
बालक डरे नहीं यन्त्र
यह यन्त्र भोजपत्र पर दूध से लिखकर बालक के गले में बाँधे तो बालक को डर नहीं लगे।
बालक का रोदन (रोउनी ) निवारण यन्त्र
यह यन्त्र अष्टगंध से भोजपत्र पर लिखकर बालक के गले में बाँध देने से रोदन शान्त होता है।
बालक की काँच न निकले यन्त्र
यह यन्त्र माजू फल के रस से चन्द्रवार को लिखकर बालक के कंठ में बाँधे और जिस समय काँच निकले , माजू और सीप को बारीक पीस कर उसके ऊपर धूल दे तो काँच न निकले।
स्वप्न में भूत दिखाने का यन्त्र
इस यन्त्र को कुचले के रस से लिखकर जिस -किसी के सिरहाने रक्खा जावे वह रात को स्वप्न में भूत देखे।
भूत दर्शन यन्त्र
इस यन्त्र को गिलोय के रस से लिख रात्रि को शयन करने के समय सिर के नीचे धरे तो स्वप्न में भूत दीख पड़े।
भूत - भय नाशक यन्त्र
इस यन्त्र को भोजपत्र पर लिखकर धूप देकर गले में बाँधे तो किसी तरह का भय न होवे और भूत न लगे , जो लगा हो तो छूट जाये।
भूतोन्माद का यन्त्र
10 नीम के पत्ते , वच , हींग , सर्प की काँचली और सरसों - इनकी धूनी दें , तो भूत , डाकिनी आदि दूर हों।
भय नाशक यन्त्र
यदि किसी को भय लगता हो तो इस यन्त्र को केवड़ा और गुलाब के अर्क से भोजपत्र पर लिखकर उसके कण्ठ (गले) में बाँध दे तो भय नहीं लगे।
शत्रु के घर लड़ाई हो - यन्त्र
कुम्हार के आँवे से ठीकरी लाकर रक्त चन्दन से उस पर यह यन्त्र लिखकर शत्रु के घर में फेंक दे , तो उनमें सदा लड़ाई -झगड़ा होता रहे।
शत्रु नाशक यन्त्र
अनुराधा नक्षत्र में शनिवार को इस यन्त्र को आँक के दूध से कागज पर लिखकर अपने पास रक्खे तो शत्रु का नाश होवे।
आधे सिर (आधा शीशी ) की पीड़ा नाशक यन्त्र
इस यन्त्र को रविवार के दिन चन्दन से लिखकर माथे पर बाँधे तो आधा शीशी दूर होवे।
बवासीर नाशक यन्त्र
रविवार को पुष्य नक्षत्र में नींबू के रस से इस यन्त्र को लिखकर कण्ठ में बाँधे तो बवासीर दूर हो जावे।
खूनी व बादी बवासीर के लिए यन्त्र
जिसको बवासीर हो वह शुक्ल पक्ष की द्वादशी को यह यन्त्र लिखकर धूप , दीप दे अपनी नाभि पर बाँधे और ध्यान रहे कि नाभि से हटकर यन्त्र किसी और जगह न चला जाय और यदि किसी समय ऐसा हो तो तत्काल यन्त्र को नाभि पर लावे और जब तीन दिन बीत जावे तो फिर इतनी सावधानी की आवश्यकता नहीं।
आवश्यकता की पूर्ति के लिए यन्त्र
इस यन्त्र को चौबीस दिन तक प्रतिदिन चौबीस यन्त्र लिखकर आटे में गोलियाँ बनावे और उन गोलियों को एक -एक करके नदी में प्रवाह करें। जिस उद्देश्य के लिये लिखेगा , परमात्मा वह इच्छा पूरी करेंगे।
रोगी के लिये यन्त्र
यदि मनुष्य रोगी हो तो इस यन्त्र को भोजपत्र पर अष्टगंध से लिखकर गूगल की धूनी देकर गले में बाँधे तो रोग मुक्त हो।
वीर्य स्तम्भन तथा पुष्टि करण यन्त्र
इस यन्त्र को मघा नक्षत्र में उटंगन के रास से लिखे , एक मास तक नित्य एक यन्त्र प्रातः समय गौ के कच्चे दूध में धोकर पीवे तो धातु पुष्ट हो। यदि उस समय कण्ठ में बाँधे तो स्तम्भन हो।
परदेश गया व्यक्ति घर आने का यन्त्र
यह यन्त्र केशर से भोजपत्र पर लिख चरखे पर बाँधे , प्रतिदिन सात बार चरखा उलटा घुमावे तो परदेश गया व्यक्ति लौट कर घर आवे।
परदेश गया व्यक्ति घर आने का यन्त्र
इस यन्त्र को मार्ग के रेते (मिट्टी ) पर लिखकर कुछ दिन तक उस पर कोड़े लगावे तो परदेश गया व्यक्ति शीघ्र ही लौटकर घर आवे। या उक्त यन्त्र को कागज पर लिखकर उसके पुराने वस्त्र में लपेट कर किसी चक्की आदि के नीचे दबा दे तो वह शीघ्र वापस आयेगा।
इस यन्त्र को मंगल के दिन अनुराधा नक्षत्र हो तब पान के रस से लिखकर जिसको पिलाया जावे अथवा जिसके शयन स्थान में गाड़ा जावे तो उसका चित्त उच्चाटन
चोरी गया पशु घर लाने का यन्त्र
इस यन्त्र को सेहके तकल से लिखकर किसी खूँटे में गाड़े तो चोरी गया पशु घर आवे।
विघ्न विनाशक यन्त्र
इस यन्त्र को भोजपत्र पर गोरोचन से लिखकर सोने या चाँदी के यन्त्र में मढ़वा कर दाहिनी भुजा पर धारण करने से सभी प्रकार के विघ्न दूर होते हैं।
राजा व अधिकारी से मान पाने का यन्त्र
इस यन्त्र को ग्रहण अथवा दीपावली को कस्तूरी और कपूर से भोजपत्र पर लिख कर चाँदी के यन्त्र में भरकर गले में बाँधे अथवा अपने पास रखकर राजदरबार में जावे तो सम्मान पावे। यह बड़ा ही परीक्षित है।
आग से रक्षा करने का यन्त्र
इस यन्त्र को इमली के रस से भोजपत्र पर लिखकर जिस स्त्री तथा पुरुष के गले में बाँधा जावे या जिस मकान में रखा जावे उसे आग लगने का भय नहीं रहता है।
सर्प नाशक यन्त्र
रेवती नक्षत्र , चन्द्रवार को इस यन्त्र को मालकांगनी के रस से लिखकर अपने घर में रखने से घर में सर्प नहीं आवें।
मान पाने का यन्त्र
इस यन्त्र को अष्टगंध से भोजपत्र पर लिखकर धूप , दीप देकर सिर पर टोपी या चोटी में रक्खे तो राजा प्रीति करें और संसार में मान होय।
बालक रोवे नहीं यन्त्र
यह यन्त्र कागज पर बुध के दिन हल्दी से लिख कर जो लड़का बहुत रोता हो तो उसके गले में बाँधने से रोवे नहीं।
व्यापार -वृद्धि यन्त्र
इस यन्त्र को दीवाली के दिन रक्त चन्दन से बाज़ार में सन्मुख दुकान पर लिखे तो व्यापार अधिक हो।
बुद्धि अथवा स्मरण शक्त्ति यन्त्र
बुद्धि और मस्तिष्क अथवा स्मरण शक्त्ति को उन्नत करने के लिये जो मनुष्य इस यन्त्र को मालकांगनी से दस बार जिह्वा पर लिख देवे तो बुद्धि उन्नत हो जाती है।
भूत -प्रेत भय नाशक यन्त्र
विधि - इस यन्त्र को गोरोचन से भोजपत्र पर लिखकर गले में बाँधने से भूत - प्रेत बाधा आदि दूर होते हैं और भय नहीं लगता है।
प्रसव आसानी से होने का यन्त्र
मन्त्र - अस्ति गोदावरी तीरे जम्भला नाम राक्षसी।
तस्याहः स्मरणमात्रेण विशल्या गर्भिणी भवेत्।।
विधि - प्रसव वेदना से गर्भिणी बहुत परेशान हो तो वट (बरगद) के पत्ते पर ऊपर लिखा यन्त्र तथा मन्त्र लिखकर उसके (गर्भिणी) के मस्तक पर रखने से सुखपूर्वक प्रसव हो जाता है।
राज सम्मान प्राप्ति यन्त्र विधि - इस यन्त्र को अष्टगंध से तुलसी की लकड़ी की कलम से , पीपल के पत्ते पर लिखकर और स्वर्ण के यन्त्र में भर कर द...